GST
One Nation, One Tax
सीजीएसटी क्या होता है? फुल फॉर्म, अर्थ और विशेषताएं
What is CGST? Full Form, meaning and features
सीजीएसटी है?
CGST का full form होता है-Central Goods and Services Tax। इसका मतलब होता है केंद्रीय माल एवं सेवा कर। इसी को केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर के नाम से भी जाना जाता है। यह वसूले गए GST, का वह हिस्सा होता है, जोकि केंद्र सरकार को मिलता है। 12 अप्रैल 2017 को लागू हुए THE CENTRAL GOODS AND SERVICES TAX ACT, 2017 के तहत यह टैक्स (CGST) वसूलने का अधिकार केंद्र सरकार को मिला है।
सीजीएसटी कब वसूला जाता है?
जब भी कोई सौदा, किसी पूर्ण राज्य के भीतर के दो पक्षों के बीच होता है। यानी कि खरीदार और विक्रेता, दोनों एक ही राज्य के हों। जैसे कि उत्तर प्रदेश के दो व्यक्तियों के बीच कोई लेन-देन हुआ, तो उस सौदे में, दो हिस्सों में GST वसूला जाएगा।
- CGST:केंद्र सरकार के हिस्से वाला जीएसटी यानी कि केंद्रीय माल एवं सेवा करऔर
- SGST:राज्य सरकार के हिस्से वाला जीएसटी यानी कि राज्यीय माल एवं सेवा कर
इनमें हम देखते हैं कि दोनों बराबर-बराबर प्रतिशत (%) में होते हैं होते हैं और ग्राहकों से दोनों का टोटल (CGST+SGST) वसूल किया जाता है। आखिरकार, GST की रकम भी केंद्र और राज्य सरकार के खातों में बराबर-बराबर जमा होती है।
एसजीएसटी क्या है?
SGST का full form होता है-State Goods and Services Tax। इसका मतलब होता है ‘राज्य माल एवं सेवा कर’। यह वसूले गए GST, का वह हिस्सा होता है, जोकि राज्य सरकार को मिलता है। इस टैक्स को वसूलने के लिए राज्यों ने अपने अपने यहां एसजीएसटी एक्ट पारित किए हैं। जैसे कि,
- दिल्ली ने अपने यहां 31 मई 2017 को Delhi Goods and Services Act 2017 पारित किया।
- उत्तर प्रदेश ने 18 मई 2017 को The Uttar Pradesh Goods and Services Act 2017 पारित किया।
एसजीएसटी कब वसूला जाता है?
SGST उन सौदों (Transactions) पर लगता है, जोकि उस राज्य के भीतर होते हैं। यानी कि खरीदने और बेचने वाले(purchaser and seller) दोनों पक्ष, उसी राज्य के हों और माल को राज्य की सीमा से बाहर नहीं भेजा जाना है।
SGST की मात्रा (कुल खरीदारी का प्रतिशत) भी उतना ही होता है, जितना कि CGST का होता है। यानी कि ऐसी खरीदारियों में काटे गए GST में जितना हिस्सा CGST के रूप में,केंद्र सरकार को मिलता है, उतना ही SGST के रूप में, राज्य सरकार को भी मिलता है।
यूटीजीएसटी क्या है?
UTGST का full form होता है- Union Territory Goods and Services Tax। इसका हिंदी में अर्थ होता है- केंद्र शासित प्रदेश का माल एवं सेवा कर। यह वसूले गए GST, का वह हिस्सा होता है, जोकि केंद्र शासित प्रदेश (Union Terretory) को मिलता है। 12 अप्रैल 2017 को लागू हुए THE UNION TERRITORY GOODS AND SERVICES TAX ACT, 2017 के तहत यह टैक्स (CGST) वसूलने का अधिकार केंद्र सरकार को मिला है।
यूटीजीएसटी कब वसूला जाता है?
यह उन सौदों पर लगता है, जो कि किसी केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) की सीमा के भीतर होते हैं। यानी कि खरीदार (Purchaser) और विक्रेता (seller) दोनो ही उसी केंद्र शासित प्रदेश के हों। यानी कि वह सामान या सेवा उस केंद्र शासित प्रदेश की सीमा से बाहर नहीं जाना हो।
भारत में, फिलहाल 8 केंद्र शासित प्रदेश (Union Territories) हैं-
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली| National Capital Territory of Delhi (NCR)
- चंडीगढ़
- अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह
- दादर एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव
- जम्मू एवं कश्मीर
- लक्षद्वीप
- लद्दाख
- पुडुचेरी
UTGST ,दरअसल SGST के स्थानापन्न (substitute) के रूप में होता है। राज्यों के भीतर होने वाले सौदों में जिस तरह SGST लगता है, उसी तरह किसी केंद्र शासित प्रदेश की सीमाओं के भीतर होने वाले सौदों में UTGST लगता है।
आईजीएसटी क्या है?
IGST का फुल फॉर्म होता है—Integrated Goods and Services Tax।
इसका हिंदी में अर्थ होता है- समेकित या एकीकृत माल एवं सेवा कर। 12 अप्रैल 2017 को लागू हुए THE INTEGRATED GOODS AND SERVICES TAX ACT, 2017 के तहत यह टैक्स (CGST) वसूलने का अधिकार केंद्र सरकार को मिला है।
आईजीएसटी कब वसूला जाता है?
किसी माल की सप्लाई पर IGST तब लगाया जाता है, जबकि वह सौदा दो अलग-अलग राज्यों के कारोबारियों के बीच हुआ हो। यानी कि वह माल, किसी अन्य राज्य में भेजा जाना हो।
इसमें केंद्र और राज्य के जीएसटी को मिलाकर, दोनों के योग (Total) के बराबर जीएसटी एक साथ ले लिया जाता है, इसलिए इसे एकीकृत जीसटी (integrated GST) कहा जाता है। मतलब यह कि-
- ISGST=CGST+SGST (एक ही राज्य के कारोबारियों के बीच सौदा होने पर)
- ISGST=CGST+UTGST (अलग-अलग राज्य के कारोबारियों के बीच सौदा होने पर)
इसमें, पूरा का पूरा IGST, केंद्र सरकार की ओर से वसूला जाता है। लेकिन बाद में इसे केंद्र और उस राज्य सरकार के बीच बराबर बराबर बांट दिया जाता है, जिस राज्य में माल को भेजा गया था। उस राज्य सरकार को, जहां कि उस माल का अंतिम रूप से इस्तेमाल या उपभोग होना है।
फिलहाल GST के 5 तरह के रेट तय किए गए हैं—
0 % GST: सामान्य जनजीवन के लिए अत्यंत अनिवार्य चीजों का 0% GST में रखा गया है। जैसे कि अनाज, ताजे फल, सब्जियां नमक, गुड़ वगैरह।
- सामान्य जीवन के लिए ज्यादा जरूरत वाली वस्तुओं और पदार्थों पर 0% GST तय किया गया है। जैसे कि चीनी, चाय, काफी, कोयला, खाद्य तेल वगैरह।
- 5% GST:सामान्य जीवन के लिए ज्यादा जरूरत वाली वस्तुओं और पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी तय किया गया है। जैसे कि चीनी, चाय, काफी, कोयला, खाद्य तेल वगैरह।
- 12% GST:जीवन के लिए सामान्य जरूरत वाली वस्तुओं और पदार्थों पर 12 प्रतिशत जीएसटी तय किया गया है। जैसे कि घी, उर्वरक, मोबाइल फोन, कप्यूटर वगैरह।
- 18% GST: सामान्य जीवन के लिए कम अनिवार्यता वाली वस्तुओं और पदार्थों पर 18 प्रतिशत जीएसटी तय किया गया है। जैसे कि टूथपेस्ट, साबुन, हेयर ऑयल वगैरह।
- 28% GST: सामान्य जीवन के लिए हानिकारक और विलासिता वाली वस्तुओं और पदार्थों पर 28 प्रतिशत जीएसटी तय किया गया है। जैसे कि जैसे कि फ्रिज, एसी, महंगी कारें वगैरह।
इन प्रोडक्ट्स पर नहीं लगता कोई भी जीएसटी
पेट्रोल, डीजल, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और जेट फ्यूल को GST से बाहर रखा गया है। शराब को भी फिलहाल GST के दायरे से बारह रखा गया है। आगे कभी इनमें से किसी प्रोडक्ट को GST के दायरे में शामिल करने के लिए संविधान संशोधन की जरूरत पड़ेगी। इन पर अभी भी राज्यों को अपने हिसाब से VAT लगागे का अधिकार है।